Deepfake Technology
अब करेगा कोई..भरेगा कोई
डीपफेक टेक्नोलॉजी को लेकर Daily अखबारों में आर्टिकल छप रहे हैं, भारत सरकार एवं राज्य सरकार काफी चिंतित दिखाई दे रही है, हाल ही में अभिनेत्री रश्मिका मंडाना का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें जरा पटेल नाम के वीडियो क्लिप में चेहरा रश्मिका मंडाना का लगगया था ऐसे बहुत सारे अभिनेत्रियां भी डीपफेक टेक्नोलॉजी का शिकार हुई है|
डीप फेक शब्द का पहली बार इस्तेमाल 2017 में हुआ था, तब अमेरिका के सोशल न्यूज़ एग्रीगेटर रेटेड पर कई Celebrities के वीडियो पोस्ट किए गए थे, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की वजह से जिस तेजी से तकनीकी बदल रही है, और वह दुनिया को प्रभावित कर रही है, यह कई समस्याएं पैदा करने वाला भी है, ऐसी कई चीजे जिनके बारे में हम सोच भी नहीं सकते थे, वह भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से सामने आ रही है, डीप फेक टेक्नोलॉजी में वीडियो कुछ इस प्रकार से तैयार किए जाते हैं की आवाज और हाव-भाव बिल्कुल वास्तविक लगते हैं, पहली नजर में आपको पहचाना मुश्किल हो जाएगा कि यह वीडियो असली है या नकली है, आजकल बहुत सारे AI टूल और सॉफ्टवेयर आ गए हैं जिनकी मदद से फेस को Marph कर दिया जाता है, जिसे रोकना आसान नहीं है|
डीप फेक टेक्नोलॉजी का पिछले कुछ सालों में काफी गलत इस्तेमाल हुआ है, साइबर अपराधी इसका धड़ल्ले से दुरुपयोग कर रहे हैं, और सबसे ज्यादा प्रयोग अश्लील वीडियो या तस्वीर बनाने में हो रहा है और कई जान-मेरी हस्तियों के साथ हो भी चुका है, शुरू में इस टेक्नोलॉजी का उपयोग मनोरंजन के लिए किया गया था, लेकिन आप इसका दुरुपयोग दुष्प्रचार, भ्रम फैलाने एवं पॉर्न वीडियो में भी किया जा रहा है|
डीपफेक वीडियो बनाने वाले लोग सबसे पहले टारगेट Person के बारे में पर्याप्त सूचनाओं झुकते हैं, उनकी सोशल मीडिया पर डाली हुई सभी तस्वीरें एवं वीडियो कोई इकट्ठा करते हैं, ताकि टारगेट व्यक्ति के हो भाव एवं इमोशन को समझा जा सके और किसी भी अश्लील वीडियो के साथ उसे व्यक्ति के फोटो और वीडियो को मर्ज कर देते हैं और यह इतना सटीक होता है की टारगेट व्यक्ति के सभी हाव-भाव और इमोशन उसे अश्लील वीडियो में आसानी से बैठ जाते हैं, यह पता लगाना मुश्किल हो जाएगा यह काम किसने किया है और इसके माध्यम से किसी के बीच छवि खराब की जा सकती है,
आईटी मंत्रालय के एडवाइजरी के अनुसार यूजर के शिकायत के बाद डीप फेक से बने हुए वीडियो को तुरंत प्लेटफार्म से हटाना होता है और साथ ही ऐसे अकाउंट को बंद करने का अभी प्रावधान है, छेड़छाड़ कर किसी भी किसी की भी तैयार की गई फोटो और वीडियो सार्वजनिक करने को गंभीर अपराध माना जाता है, और यह सीधे-सीधे किसी के पर्सनल लाइफ को प्रभावित करता है इससे उसकी जिंदगी या करियर तबाह हो सकता है, भारत सरकार के इन्फोटेक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 66 डी में यह साफ-साफ लिखा हुआ है किसी की निजात कैसे साथ छेड़छाड़ किसी भी प्लेटफार्म पर नहीं कह सकता है और जितने भी सोशल मीडिया कंपनियां जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम यूट्यूब को इन पर तुरंत लगाम लगाना होगा|
भारत सरकार को डीपफेक टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को रोकने के लिए खड़ा साखा कानून बनना पड़ेग, आप सभी से भी निवेदन है कि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपने वीडियो को साझा करने से बच्चे, काफी सोच समझ कर ही वीडियो कंटेंट को डालें, क्योंकि वीडियो क्लिप से ही डीपफेक टेक्नोलॉजी में उसे वीडियो का दुरुपयोग करने का रास्ता बन जाता है|
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